ज्यादातर सेलखड़ी बलूचिस्तान और राजस्थान से लायी जाती थी. इतिहासकार राव का कहना है कि धूसर और कुछ पांडु रंग की सेलखड़ी संभवतः दक्कन से आती थी. उनका यह भी मानना है कि गुजरात के देवनीमोरी या किसी अन्य स्थल से लाई गयी होगी.
सेलखड़ी
ज्यादातर सेलखड़ी बलूचिस्तान और राजस्थान से लायी जाती थी. इतिहासकार राव का कहना है कि धूसर और कुछ पांडु रंग की सेलखड़ी संभवतः दक्कन से आती थी. उनका यह भी मानना है कि गुजरात के देवनीमोरी या किसी अन्य स्थल से लाई गयी होगी.